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21 दिसंबर - जिला जींद प्रशासन के सकारात्मक प्रयासों एंव स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ चलाया गया जागरूकता अभियान पूर्ण रूप से सफल रहा है। अगर इस वर्ष के प्रथम माह के लिंगानुपात के आंंकड़े पर नजर ड़ाले तो काफी भयानक तस्वीर हमारे सामने उभरकर आती है। उस समय जिले का लिंगानुपात प्रति हजार 802 था जो मई माह में और ाी नीचे गिर गया था। मई माह में लिंगानुपात 776 तक पहुंच गया था । इस बढ़ते लिंगानुापात पर जिला जींद प्रशासन ने एक अ िायान चलाने की शुरूवात की जिसके परिणाम स्वरूप नव बर माह तक जिले का अनुपात प्रति एक हजार लडक़ों पर 891 पहुंच गया है।
उन्होंने बताया कि लिंगानुपात को सुधारने के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित की, जिससे परिणामस्वरूप कन्या भ्रूण हत्या पर पूर्ण रूप से अंकुश लगा । उन्होंने बताया कि पी एन डी टी एक्ट को भी प्रभावी तरीके से लागू किया गया और भू्रण जांच करने वाले सभी अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर कड़ी निगरानी रखी गई तथा जिन केन्द्रों पर अवैध तरीके से भ्रूण जांच करवाई गई उनके खिलाफ स त कार्यवाही अमल में लाई गई । यही नहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक कार्य योजना तैयार कर गांव-गांव जाकर कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए गए।
उन्होंने बताया कि लिंगानुपात में हुए सुधार का श्रेय राज्य सरकार द्वारा लड़कियों के लिए लागू की गई उन कल्याणकारी योजनाओं को जाता है। जिनकी जानकारी प्राप्त कर आम जन प्रभावित हुआ।
उन्होंने बताया कि फरवरी माह में जिलाजींद का लिंगानुपात 875,मार्च में 768,अप्रैल में 861,मई में 776,जून में 867,जुलाई में 844,अगस्त में 887,सित बर में 818,अक्तूबर में 837 रहा जबकि नव बर में लिंगानुपात में जोरजार सुधार हुआ अब जिले का लिंगानुपात 891 हो गया
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