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21 फरवरी - विश्व में अपनी तरह
का पहला कार्यक्रम ‘मुर्राह ऑन रै प’ अर्जुन स्टेडियम,
जींद में 22 फरवरी को आयोजित किया जाएगा।
एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस
कार्यक्रम का आयोजन पशुपालन विभाग, हरियाणा द्वारा
जे.के.ट्रस्ट ग्राम विकास योजना के सौजन्य से किया जा रहा
है। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार
बतौर मुख्य अतिथि शिरकत क रेंगे तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री
श्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे
।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन में प्रदेश भर से मुर्राह जाति
के पशु भाग ले रहे है जो राज्य एवं राष्ट्रीय स्तरीय स्तर
पर आयोजित प्रदर्शनियों में पुरस्कार प्राप्त कर चुके है।
इस प्रोग्राम का उदेश्य भैंस जाति की विश्व प्रसिद्ध
मुर्राह नस्ल का प्रर्दशन करना है। इस नस्ल का हरियाणा मूल
स्थान है और काला सोना के नाम से प्रचलित इस भैंस को
हरियाणा को गौरव भी कहा जाता है। प्रदेश के पशुपालन विभाग
के इसके संरक्षण एंव प्रजनन के लिए एक विशेष योजना आर भ की
हुई हैं। जिसमें उच्चकोटि की मुर्राह की उसकी प्रतिदिन दूध
उत्पादकता के आधार पर चयन किया जाता है। जो ौंस 13 कि.ग्रा.
से 16 कि.ग्रा. , 16 कि.ग्रा. से 19 कि.ग्रा. , 19 कि.ग्रा.
से 25 कि.ग्रा. और 25 कि.ग्रा. से अधिक दूध देती है उसके
मालिक को क्रमश: 5000,10000,15000 व 25000 रूपये की
प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वर्ष 2010-11 के दौरान इस
प्रकार के कुल 11429 भैंसें चयनित की गई हैं। जिन्हें
8,21,55000/ रूपए की राशि इस आयोजन के मुख्य अतिथि द्वारा
पशुपालकों को वितरित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मुर्राह के उत्थान में विभाग की पशु
प्रजनन नीति का उल्लेखनीय योगदान रहा है। इस नीति में
चयनित मुर्राह जर्मप्लाजम का कृत्रिम गर्भादान विधि द्वारा
प्रयोग किया गया है जिससे इसके उत्थान में गति मिली है। अब
कृत्रिम गर्भादान की सेवाएं 24 घंटे पशुपालकों को घरद्वारा
पर उपलब्ध करवाने के उदेश्य से विभाग ने जन निजी भागीदारी
में जेके ट्रस्ट ग्राम विकास योजना के साथ अनुबंध करके
प्रदेश के उन गांवों में जहां विभाागीय पशु संस्थाएं नहीं
है वहां अब तक कुल 1145 पशुधन विकास केन्द्र स्थापित किए
गए है। जिनका इस समारोह में औपचारिक शुभार भ किया जा रहा
है। इस अवसर पर जेके ट्रस्ट ग्राम विकास योजना के माननीय
अध्यक्ष विजयपथ सिंघानिया भी उपस्थित रहेंगे।
इस समारोह में प्रदेश के विभिन्न विभागों की तथा पशुपालन स
बंधित उत्पादों की प्रदर्शनियों भी आयोजित की जाएंगी।
किसान गोष्ठी तथा उच्च कोटी के मुर्राह पशुओं की प्रदर्शनी
में प्रदेश से समारोह में भाग लेेने वाले लगभग 15-20 हजार
किसानों को उत्साह तथा जागृति मिलेगी। उनमें इस भैंस की
नस्ल के प्रति लगाव बढ़ेगा और वे इसके उत्थान में समर्पित
होंगे। मुर्राह का उत्थान पशुधन क्षेत्र का उत्थान है जिससे
निश्चय ही देश की अर्थव्यवस्था समृद्ध होगी। अब देश के नीति
निर्माताओं ने स्वीकार कर लिया है कि कृषि क्षेत्र की
पशुधन इंजन का काम करता हैं अत: यह आयोजन प्रदेश और देश की
पशुधन समृद्धि में मील का पत्थर साबित होगा।
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