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16 जनवरी - हरियाणा पिछड़ा वर्ग
आयोग के चेयरमैन जस्टिस के.सी. गुप्ता की अध्यक्षता व
सदस्य श्री जयसिंह बिश्रोई, श्री सोमदत्त, श्री अर्जुन देव
गुलाटी तथा सचिव एस.के. सेतिया की मौजूदगी में जींद लोक
निर्माण विश्राम गृह में सभी जातियों के प्रतिनिधि मण्डलों
की सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान प्रतिनिधि मण्डलों के
सदस्यों से उनकी जातियों के सामाजिक स्तर व शैक्षणिक
योग्यता बारे गहनता से चर्चा की गई।
यह जानकारी देते हुए जस्टिस के.सी. गुप्ता ने कहा कि
प्रदेश सरकार ने 8 अप्रैल, 2011 को हरियाणा पिछड़ा वर्ग
आयोग का गठन किया। तभी से आयोग के सदस्य इस बारे गहनता से
कार्य कर रहे है। पिछड़ा वर्ग के लिए आयोग ने माप दण्ड ाी
तैयार किया है। आयोग जाट, सिक्ख जट, रोड़, त्यागी व
बिश्रोई जाति के लोगों के गजट नोटिफिकेशन पर विशेष कार्य
कर रहा है। इसके अलावा सभी जातियों के प्रतिनिधि मण्डल या
व्यक्ति भी अपनी मांग/एतराज दर्ज करवा सकते हैै।
उन्होंने बताया कि जींद में सोमवार को सभी जातियों के करीब
34 प्रतिनिधि मण्डलों ने अपने सुझाव देने के लिए आयोग को
प्रार्थना पत्र दिए है। कैथल व कुरूक्षेत्र के प्रतिवेदन
भी जींद में ही सुने जा रहे है।
आयोग के सदस्य 17 जनवरी को भी जींद में ही प्रतिनिधि मण्डलों
के सुझाव लेगें। इसके उपरान्त सायं 4.30 बजे तक इन सुझावों
को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के लिए सूची तैयार की जाएगी।
आयोग जिला के अधिकारियों से भी इस विषय पर विचार विमर्श
करेगा। अन्य जिलों के लिए इसी प्रकार बैठकें आयोजित करके
प्रतिनिधि मण्डलों के सुझाव लिए जाएगें। तत्पश्चात पूरे
प्रदेश के सभी जिलों में जाकर पिछड़ा वर्ग में शामिल होने
के लिए विभिन्न जातियों के प्रतिनिधि मण्डलों से सुझाव लिए
जाएंगें।
श्री गुप्ता ने कहा कि पिछड़ा वर्ग में किन जातियों को
शामिल किया जाएगा। इसका निर्णय आयोग द्वारा पूरे प्रदेश के
सभी जिलों में जाकर प्रतिनिधि मण्डलों के सुझाव लेने के
बाद ही लिया जाएगा। इसके लिए आयोग ने विश्वविद्यालयों के
प्रोफेसरों, सां ियकी विभाग के आंकड़ों तथा विभिन्न
ऐजेंसियों द्वारा सर्वे व सूचनाएं मांगी हैं। इसके लिए एक
प्राफोर्मा भी तैयार कर लिया गया है। सारे सर्वे का
निष्कर्ष निकालकर ही आयेाग द्वारा प्रदेश सरकार को इस बारे
रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी। आज जींद जिला के 9 प्रतिनिधि
मण्डलों, कैथल जिला के 15 प्रतिनिधि मण्डलों तथा जिला
कुरूक्षेत्र के 10 प्रतिनिधि मण्डलों के प्रार्थना पत्रों
पर सुनवाई की गई। |
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