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हरियाणा सरकार ने दूसरी सबसे बड़ी सडक़ परियोजना को क्रियान्वित
करने का निर्णय लिया
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चण्डीगढ़, 1 नवम्बर - हरियाणा के
लोक निर्माण मंत्री श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज कहा कि
हरियाणा सरकार ने राज्य ने 151 किलोमीटर लम्बाई के बनने वाले
उत्तर-दक्षिणी कोरीडोर को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन एवं
हस्तांतरण (डीबीएफओटी) आधार पर क्रियान्वित करने का निर्णय लिया
है और यह हरियाणा बनने के 45 वर्षों में दूसरी सबसे बड़ी सडक़
परियोजना होगी। इससे पूर्व वर्तमान सरकार ने 31 जनवरी, 2009 को
फरीदाबाद-गुडग़ांव तथा बल्लबगढ़-सोहना एक्सप्रेस-वे का निर्माण
कार्य बीओटी आधार पर आबंटित किया था, जो 31 दिसम्बर, 2011 को
पूरा होना निर्धारित है।
यह जानकारी श्री सुरजेवाला आज यहां एक पत्रकार स मेलन को स
बोधित करते हुए दी और कहा कि 46वें हरियाणा दिवस के अवसर पर
मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा द्वारा प्रदेश के लोगों
को यह नायाब तोहफा है। उन्होंने बताया कि यह परियोजना राजस्थान,
गुडग़ांव तथा महाराष्टï्र व उत्तरी भारत के हरियाणा, पंजाब,
हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू एवं कश्मीर जैसे राज्यों के बीच मुख्य सडक़ मार्ग के रूप में सेवा प्रदान कराएगी। यह कोरीडोर राजस्थान
के कोटपुतली के नजदीक रायमिल्कपुर से आर भ होगा तथा नांगल
चौधरी-नारनौल-महेन्द्रगढ़-दादरी-भिवानी-खरक-रोहतक-जींद-कैथल-पेहवा-अंबाला
के बीच गुजरेगा तथा पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 से जोड़ेगा। दक्षिण हरियाणा के
साथ-साथ मध्य हरियाणा तथा उत्तरी हरियाणा में विकास की गति को
बढ़ाएगा। परियोजना के कुल लागत 1367 करोड़ 20 लाख रुपये है,
जिसमें 1200 करोड़ रुपये परियोजना के हैं तथा शेष भूमि
अधिग्रहण तथा अन्य पर्यावरणीय मुद्दों के अनापतियों के शामिल
हैं।
उन्होंने बताया कि परियोजना के कार्य आबंटन के लिए कुल 29 बोली
दाताओं ने अपनी निविदाएं दी थी, जिनमें से 24 बोली दाताओं को
योग्य पाया गया तथा चार बोली दाताओं मैसर्ज मधुकॉन प्रोजेक्ट
लि0, मैसर्ज आईएल एण्ड एफएस, मैसर्ज जेएमसी-गलफार कोनस्टोरियम
तथा मैजर्स आईवीआरसीएल असैस्ट्स एण्ड होल्डिंग लि0 हैदराबाद ने
वित्तीय निविदाओं में हिस्सा लिया। सबसे कम दर वाले मैजर्स
आईवीआरसीएल असैस्ट्स एण्ड होल्डिंग लि0 हैदराबाद को कार्य
आबंटित करने का निर्णय लिया। क पनी द्वारा सरकार को वाणिज्यिक
संचालन की तिथि से कुल शुल्क का दो प्रतिशत दर से वार्षिक
प्रिमियम तथा रियायत अवधि के खत्म होने तक हर वर्ष एक प्रतिशत
की वृद्घि देने का भी प्रस्ताव दिया है।
उन्होंने बताया कि परियोजना के निर्माण के लिए 30 महीनों की
अवधि निर्धारित की गई है तथा रियायत अवधि 20 वर्षों की होगी
अगर निर्माण कार्य निर्धारित अवधि के बाद पूरा किया जाता है तो
वह समय रियायत अवधि में से कम कर दिया जाएगा।
परियोजना के बारे विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि
चार मार्गीय इस परियोजना में नांगल चौधरी, नारनौल, नांगल सिरोही
तथा भिवानी चार बाईपास होंगे इनकी कुल लम्बाई 24.6 किलोमीटर होगी,
महेन्द्रगढ़, नारनौल तथा भिवानी बाईपासों पर तीन रेलवे ऊपरगामी
पुल होंगे। इसके अलावा 12 छोटे पुल, 13 प्रमुख चौराहे, 22 बस
बेस, 6 ट्रक लेन, 154 कल्वटर्स, 5 किलोमीटर की सर्विस रोड़ होगी
तथा दोनों तरफ वर्षा के पानी की निकासियों के उचित प्रबंध होंगे। |
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